विकास बहुआयामी नहीं होता लेकिन सत्य के अनेक आयाम होते हॅ| लिहाला मानव सभ्यता के इतिहास को मात्र विकास या प्रगति के चश्में से देखकर उसे समग्रता से समझना संभव नहीं है| यही कारण है कि मिश्र के पांच हजारवर्ष पुराने पिरामिड हमें जो रोचक जानकारियां आज भी दे रहें हैं वैसी, तमाम विकास की मंजिले तय कर लेने के बाद भी देखने -सुनने में नही आती|
लायंसक्लब ऑफ नांदगांव द्वारा यहां लायन सेवा सदर में प्रदेश के वन राज्यमंत्री लिखीराम कावरे के मुख्य आतिथ्य में आयोजित एक महती सभा में महाशब्दे ने उक्त विचार व्यक्त किये | उन्होंने वास्तुशास्त्र से जुडे कई रोचक प्रसंगों पर चर्चा की तथा लोगों के प्रश्नों के उत्तर दिये | मंत्री महोदय ने अपने संबोधन में वास्तु संबंधी गंभीर सवाल उठाये| लायन अध्यक्ष सुनील बरडिया ने स्वागत संबोधन में कार्यक्रम की पृष्ठभूमि बताई | उन्होंने कहा कि वास्तुशास्त्र के प्रति लोगों के बढते रूझान एवं आर्किटेक्ट संयज महाशब्दे को इस क्षेत्र में उपलब्धियों के मद्देनजर क्लब ने यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया|
इस के पश्चात कार्यक्रम के प्रभारी प्रो. चन्द्रकुमार जैन ने वास्तुविद संजय महाशब्दे का परिचय दिया | परिचय के उपरांत श्री महाशब्दे ने ढाई सौ से भी अधिक, वास्तुशास्त्र में परिष्कृत रूचि रखनेवाले नगर के प्रतिष्ठीत जनों को संबोधित करते हुए विषय का खुलासा किया| प्रगति के आयामोंकी सीमा बताते हुए पहले उन्होंने यह स्थापना की कि जरूरी है कि काल विशेष की वैज्ञानिक प्रगति सबको रास आये| इसी तरह उसे पूर्ण भी मान लिया जाना भी उचित नहीं होगा|
रोटरी भारत मिलन जैसी कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के सद्स्य संजय महाशब्दे ने बताया कि किसी भी भवन या संस्थान का अपयश जिन कारणों से होता है उनमें वास्तुशास्त्र मिश्र के पिरामिड तथा शिवाजी महाराज के दरबार की विशाल दर्शक - दार्घाका, जिसमें छह हजार लोग आज भी बिना माइक्रोफोन के वक्ता की आवाज सुन सकते हैं उल्लेख करते हुए श्री महाशब्दे ने बतयार कि इन भवनों को वास्तुकला के आधार पर अति विशिष्ट ढंग से बनाया गया है जिसमें माप की तीनों विभाओं लम्बाई , चौडाई, ऊँचाई वास्तुशास्त्र की सैद्धांतिक समीक्षा करने के बाद भी महाशब्दे ने उपस्थित श्रोताओं के प्रश्नों के उत्तर दिये | जवाब में उन्होने बताया कि वास्तुशास्त्र के आधार पर भवनों में बिना तोडफोड के भी कई बार परिवर्तन किये जा सकते हैं जिसमें रंगों का काफी सहारा लिया जाता है| आईने आदि के द्वारा भी मकान को अधिक उपयोगी व फलदायी बनाया जा सकता है| वास्तुशास्त्र पर उक्त अहम व्याख्यान के दौरान सम्मानित अतिथियों में मंच पर वन राज्यमंत्री लिखीराम कांवरे समेत लायन टीकमचंद जैन, लायन डॉ. पुरखरात बाफना, लायन रीजन चेअर मेन अशोक कोटडिया, अध्यक्ष सुनील बरडिया, सचिव रघुबीर सिंह भाटिया, कोषाध्यक्ष प्रकाश सांखला के साथ ही डॉ. गंभीर कोटडिया, ज्योतिषाचार्य सरोज द्विवेदी तथा दिल्ली के समाजसेवी रमेश भाई उपस्थित थे | एवं आर प्रदर्शन कार्यक्रम का प्रभावी संचालन लायन चन्द्रकुमार जैन ने किया|
उक्त असवर पर वन राज्य मंत्री ने लायंसद्वारा आयोजित स्व. सम्पतबाई स्मृति झांकी स्पर्धा का एक महत्वपूर्ण अवार्ड नवीन आदर्श गणेशोत्सव समिति, गोलबाजार को प्रदान किया | वसुंधरा महिला मंड़ल की अध्यक्षा रूक्मीणी देवी का भी सम्मान किया गया|
आर्किटेक्ट संजय महाशब्दे को क्लब की ओर से लायन सुनील बरडिया ने स्मृति चिन्ह भेंट किया| प्रो. चन्द्रकुमार जैन ने शाल- श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया | ग्रासिस सीमेन्ट की ओर से विमल ट्रेडर्स के संचाल श्री संजय चोपडाने श्री. महाशब्दे का विशेष सम्मान किया |