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				Dainic Bhaskar 6 Dec 2000
                
                वैदिक चिकित्सा और वास्तुशास्त्र सर्वोच्च विज्ञान पर आधारित प्राचिन पद्धति महाशब्दे
सौंसरा, विगत दिवस   रेमण्ड विजय ग्राम में देश के जाने माने वास्तु         शास्त्रज्ञ एवं   आर्किटेक्ट इंजीनियर श्री संजय महाशब्दे रेमंड प्रबधन के         विशेष आमंत्रण   पर आकोलो से विजय ग्राम आवासीय परिसर में पधारे.   सौंसर     से   लगभग २० कि.   मी. दूरी पर स्थित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की   रेमंडल   वूलन     फैक्ट्री प्रबंधन   के विशेष आमंत्रण पर श्री सजंय   महाशब्दे ने   दैनिक   जीवन   में वैदिक   चिकित्सा एवं वास्तु शास्त्र के   महत्व पर अपना     सारगर्भित   व्याख्यान   प्रस्तुत किया. 
			      कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री पाठकद्वारा श्री सजंय       महाशब्दे के बारे     में श्रोताओं को परिचित कराया गया एवं वैदिक संस्कर       के माध्यम से श्री     महाशब्दे द्वारा तैयार किये गये उपकरणों की   जानकारी     दी गई. श्री महाशब्दे     द्वारा १९८७ - ८८ में   विश्वेश्वरैया रीजनल     कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग नागपुर     से आर्किटेक्ट   की स्नातक उपाधी प्राप्त   की   गई.
			      फायनल वर्ष में उनके प्रोजेक्ट का विषय स्टडी एंड       रिस्टोरेशन ऑफ फोर्ट     रायगढ़ था. रायगढ़ किले की उस सभाकक्ष का सूक्ष्म       अध्ययन करने के उपरांत जो     लगभग २१० फीट लंबा है एवं जिसके स्टेज से       सामान्य आवाज में कहीं गई बातें     बिना किसी ध्वनी विस्तारक यंत्र   के     उपयोग के कक्ष में दूर तक बैठे   व्यक्ति   को आसानी से सुनाई पडती   है, इसी     प्रकार कक्ष में उपस्थित   व्यक्तियों के   फुसफुसाहट के शब्द   भी स्टेज   पर   बैठे व्यक्ति को स्पष्ट   सुनाई पडती है इस   कक्ष की   प्राचिन एंव   उन्नत   भारतीय तकनीक जो   वास्तुशास्त्र पर आधरित है का     गूढ रहस्य समझ   मैं आने   के उपरांत श्री   महाशब्दे के जीवन में एक विशेष   मोड   आया जिससे   उन्हें   हमारे प्राचिन   विज्ञान को पुनर्जीवित करने   के लिये   प्रेरित   किया.
			      २७ नवंबर की शाम रेमंड आवासीय कॉलोनी विजयग्राम के क्लब       हाउस में     दर्शकों श्रोताओं ने मंत्रमुग्ध होकर आर्किटेक्ट श्री       महाशब्दे का     व्याख्यान सुना. उन्होने कहा कि प्रत्यक प्राणीमात्र का       स्वास्थ वातावरण की     शुद्धता पर निर्भर है. उत्तम स्वास्थ के बिना       व्यक्ति जीवन से संबंधीत     क्रिया कलापो का उपभोग करने में असमर्थ है.       स्वास्थ से तत्पर्य पूणत्व से     है.
			      व्याख्यान के पश्चात रेमंड प्रबंधन के आमंत्रन पर श्री       महाशब्दे दूसरे     दिन रेमंड फेक्ट्री का अवलोकन करने पहुंचे तथा   फॅक्ट्री     की भव्यता   विभिन्न   उत्पादों की गुणवत्ता एवं उनके उत्पादन   प्रयुक्त     उच्च टैक्नॉलोजी   की मुक्त   कंठ से प्रशंसा की.
			      कार्यक्रम के आयोजन में श्री माधव बॅनर्जी एवं श्री अभय       नाईकद्वारा     विशेष योगदान किया गया. इस विशिष्ट कार्यक्रम में   रेमंड     प्रबंधन के श्री     सिंघल साहब श्री संजय मोईत्रा साहब श्री   हरीश चटर्जी     मुख्य रूप से उपस्थित     हुये. रेमंडा फैक्ट्री के अन्य   कई पदाधिकारी एवं     विजय ग्राम के अधिकांश     निवासी भी इस कार्यक्रम   में उपस्थित थे.     कार्यक्रम के दौरान अनेक लोगों की     वास्तुशास्त्र   से संबंधित जिज्ञासाओं     का निराकरण भी श्री महाशब्देद्वरा     किया गया.   अंत में श्री बॅनर्जी     दादा द्वारा रैमंड प्रबंधन एवं विजय   ग्राम     निवासियों की ओर से श्री     महाशब्दे का उनके सारगर्भित व्याख्यान   हेतु   आभर   व्यक्त किया गया.
			       श्री महाशब्दे द्वारा वैदिक संस्कार के माध्यम से निर्मित       विभिन्न उपकरण     जो मानव स्वास्थ हेतु अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहे है       सांसर में भी उपलब्ध     है. इस संबंध में अधिक जानकारी के लिये सांसर   में     मोहगांव रोड स्थित   म.प्र.   स्टेट टेक्सटाईल कार्पोरेशन कार्यालय   भवन   के   उपर निवासरत श्री के.   एन.   पाठक से संपर्क किया जा सकता है .